12 ज्योतिर्लिंगों में घृष्णेश्वर का विशेष स्थान और महत्व

12 ज्योतिर्लिंगों में घृष्णेश्वर का विशेष स्थान और महत्व

भारत के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के वेरुल (एलोरा) में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के बारहवें और अंतिम ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रतिष्ठित है। इसकी धार्मिक, ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय विशेषताओं के कारण इसका अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।

🛕 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, घृष्णा नामक एक भक्त महिला भगवान शिव की अनन्य उपासक थी। उसने गहरी भक्ति के साथ शिवलिंग की स्थापना की और प्रतिदिन सैकड़ों शिवलिंगों की पूजा करने लगी। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे आशीर्वाद दिया और तभी से यह स्थान घृष्णेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस कथा के कारण इस मंदिर को भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।

🔱 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की विशेषताएँ

  1. वास्तुकला की भव्यता: इस मंदिर का निर्माण मराठा साम्राज्य की महान शासक अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। लाल पत्थरों से निर्मित यह मंदिर अपनी सुंदर नक्काशी और भव्य संरचना के लिए प्रसिद्ध है।

  2. शिवलिंग का महत्व: यह मंदिर भगवान शिव के अंतिम ज्योतिर्लिंग को समर्पित है, जो भक्तों को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाता है।

  3. दर्शन और पूजा विधान: यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

  4. महिला श्रद्धालुओं के लिए विशेष नियम: यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग मंदिर है जहाँ महिलाएँ भी शिवलिंग को स्पर्श कर सकती हैं और जलाभिषेक कर सकती हैं।

🏞 यात्रा और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास घूमने लायक स्थान

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग यात्रा के दौरान श्रद्धालु अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी दर्शन कर सकते हैं:

  1. एलोरा की गुफाएँ – घृष्णेश्वर मंदिर के पास ही स्थित यह विश्व धरोहर स्थल भारतीय कला और संस्कृति का अनमोल खजाना है।

  2. दौलताबाद किला – यह ऐतिहासिक किला मराठा और मुग़ल शासनकाल की गवाही देता है।

  3. अजंता गुफाएँ – यहाँ की अद्भुत मूर्तियाँ और चित्र भारतीय इतिहास और संस्कृति की झलक प्रदान करते हैं।

📅 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग यात्रा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय

अक्टूबर से मार्च के बीच का समय घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है, जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर दर्शन और अन्य स्थलों की यात्रा में कोई कठिनाई नहीं होती।

🔖 निष्कर्ष

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर अपनी धार्मिक महिमा, ऐतिहासिक महत्व और अद्वितीय वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास की भी झलक देता है। यदि आप शिवभक्त हैं और मोक्ष प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, तो इस पवित्र स्थल की यात्रा अवश्य करें।

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